How To Increase Metabolism In Hindi-मेटाबोलिज्म अपनी बॉडी के ईंधन को बढ़ाए और वज़न बढ़ने को भूल जाये

How To Increase Metabolism In Hindi

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1 How To Increase Metabolism In Hindi–

How To Increase Metabolism In Hindi-मेटाबोलिज्म एक किर्या है जहा आपके शरीर को काम करने के लिए जो ऊर्जा यानी शक्ति की जरूरत होती है वो मेटाबोलिज्म से मिलती है इस प्रकिर्या में हम जो खाना खाते है उससे मिलने वाले सभी ज़रूरी तत्वों को निकलकर ऊर्जा में तब्दील करती है पर अब यहाँ यह सवाल उठता है के क्या मेटाबोलिज्म को काम या ज़्यादा किया जा सकता है या नहीं तो आज आपको इस लेख में आपको सभी जानकारी देने वाले है जो आपको जानना ज़रूरी है और यह भी जानेंगे के मेटाबोलिज्म को बढ़ाना क्यों ज़रूरी है तो लेख को अंत तक ज़रूर पढ़े.

How To Increase Metabolism In Hindi

How To Increase Metabolism In Hindi-मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं हिंदी में-:

चर्म विक्रिया (metabolism) एक ज़िन्दगी की ऐसी प्रक्रिया है जो हमारे शरीर में द्वारा खाये जाने वाले खाने को बदलकर ऊर्जा में तब्दील करती है।यदि आप अपना वज़न कम करना चाहते है तो उसके लिए मेटाबोलिज्म का तेज़ होना बहोत ज़रूरी है क्युकी मेटाबोलिज्म ही आपके द्वारा खाये खाने को ऊर्जा में तब्दील करता है और आपको ताकत देता है जिससे आपका खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है और आपकी शरीर में एक्स्ट्रा फैट को इकट्ठा होने नहीं देता जिससे आपका वज़न कण्ट्रोल रहता है और काफी हद तक कम करने में भी मदद करता हैयह ऊर्जा को पैदा करने ऊर्जा को इस्तेमाल करने , रसायनिक प्रक्रियाएं और बनाने के लिए ज़रूरी तत्वों का कण्ट्रोल करने में मदद करती है। metabolism हमारे शरीर के लगातार कार्यों के लिए ज़रूरी होती है, जैसे कि साँस लेना , दिल का धड़कना , पाचन, ऊर्जा का बनना और ऊर्जा का उपयोग करना । यह शरीर की रचना, वजन को बनाये रखना और सेहत को बनाये रखने में बहोत मदद करती है metabolism कई चीज़ों पर निर्भर करती है, जैसे लाइफस्टाइल , खाना , व्यायाम, उम्र और शारीरिक एक्टिविटीज।

(How To Increase Metabolism In Hindi) मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं। यहां कुछ मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के तरीके हैं:

नियमित भोजन:

नियमित खाना खाना और वक्त पर भोजन करना आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही, अतिरिक्त भोजन से बचें जैसे -जंक फ़ूड पिज़्ज़ा,बर्गर आदि स्वस्थ और पोषण से भरपूर खाना खाये।

व्यायाम करें:

हर रोज़ व्यायाम करना आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है। योगा, अच्छा व्यायाम, वजन काम करने की एक्सरसाइज और पेट काम करने की एक्सरसाइज जैसे अलग तरह के व्यायाम को शामिल करें।

पानी पिएं:

पानी पीना मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है। प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।

प्रोटीन लें:

प्रोटीन हमरी सेहत के लिए बहुत ज़रूरी होता है इसका इस्तेमाल मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। अंडे, मछली, दूध और दही, मसूर दाल, पनीर, दाल, मूंगफली, और तिल जैसे प्रोटीन को अपने खाने में शामिल करें।

आराम लें:

अच्छा आराम और अच्छी नींद लेना आपके मेटाबोलिज्म को बेहतर बना सकता है। 7-8 घण्टे नींद लें और स्ट्रेस को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें।

गर्म चीज़ो का इस्तेमाल करें:

हल्दी, लाल मिर्च, अदरक, पिप्पली, जीरा, लस्सन और पालक जैसे गर्म चीज़ो को आपके खाने में शामिल करने से मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

सुबह जल्दी उठे और रोज़ व्यायाम करें:

दिन निकलने के समय व्यायाम करना मेटाबोलिज्म को बढ़ा सकता है।

Note-यदि आपको मेटाबोलिज्म से संबंधित किसी विशेष समस्या का सामना करना है, तो अपने चिकित्सक से सलाह लेना बेहतर\होगा।

मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण-Symptoms Of Low Metabolism-:

जब मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है, तो इसके कुछ लक्षण हो सकते हैं जिन्हें कुछ इस तरह से पहचाना जा सकता है:

तेजी से वजन बढ़ना:

मेटाबॉलिज्म की कमी के कारण आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है या वजन कण्ट्रोल करने मुश्किल हो सकती है।

थकान और शरीर का गिरा -गिरा रहना :

कम मेटाबॉलिज्म वाले लोग जल्दी थक जाते हैं और उन्हें अपने रोज़मर्रा के कार्यो में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैऔर किसी भी काम में मैं नहीं लगता है हर समय बस एक सुस्ती सी बनी रहती है ।

धातु संतुलन की कमी:

कम मेटाबॉलिज्म वाले व्यक्ति को धातु संतुलन की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों की कमजोरी, बालों और नाखूनों की कमजोरी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अंदरूनी तरह से परेशान रहना

कम मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं आपके मन को भी काफी परेशान कर सकती हैं, जैसे कि चिंता, तनाव, नींद की कमी आदि।
इनएक्टिव लाइफ : कम मेटाबॉलिज्म वाले व्यक्ति में मानसिक और शारीरिक आलस्य की समस्या हो सकती है।

How To Increase Metabolism For Weight Loss In Hindi-वजन घटाने के लिए मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं हिंदी में-:

मेटाबोलिज़म को बढ़ाना वजन घटाने के लिए बहुत ज़रूरी होता है। यह आपके शरीर की ऊर्जा खपत को तेज़ करके आपको वजन घटाने में मदद करता है। यदि आप मेटाबोलिज़म को बढ़ाना चाहते हैं और वजन घटाने की प्रक्रिया को तेज़ करना चाहते हैं, तो यह है कुछ उपाय जो आपको बहुत फायदा पंहुचा सकते है :

  • अपने दिन की शुरुआत फिजिकल एक्टिविटी से करे और उनको बढ़ाएं, अगर आप पूरी तरह फिट होना चाहते है तो योगा आपके लिए एक विकल्प हो सकता क्योंकी है योग से आपका मेटाबोलिज्म बेहतर बनता है साथ में आपको कम्पलीट मेडिकेशन भी मिलेगा जो आपके वज़न काम करने की यात्रा को और आसान बना सकता है
  • इसके साथ-साथ व्यायाम, चलना या स्किपिंग, भागना इन सब को भी ज़रूर शामिल करे.For Better Results.
  • अपने खाने में प्रोटीन शामिल करें, जैसे कि अंडे, दूध, दही, दाल और मछली।
  • हल्का और संतुलित आहार ले:अपनी डाइट में फल और सब्जियां शामिल करें।
  • खूब पानी पिएं और ग्रीन टी,निम्बू पानी आदि अपनी डाइट में ऐड करे।
  • रोज़ाना अच्छी नींद लें, क्योंकि यह मेटाबोलिज़म को बेहतर बनाने में मदद करती है।
  • अपने आहार में गर्म मसाले, जैसे कि हल्दी, लाल मिर्च और जीरा, शामिल करें।
  • स्ट्रेस कम करें और ध्यान या मेडिटेशन के ज़रिये से शांति और सुकून ले।
    यदि आप इन सुझावों को नियमित रूप से अपनाते हैं, तो यह आपके मेटाबोलिज़म को बढ़ाने में मदद करेगा और वजन घटाने की प्रक्रिया को तेज़ करेगा।

Metabolism Booster Foods-

प्रोटीन रिच खाना खाये :

दूध, पनीर, दही, अंडे, मांस, मछली, दाल और दालियाँ आपको ज्यादा ऊर्जा लेने में मदद कर सकते हैं और आपके मेटाबोलिज़म को बढ़ा सकते हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियाँ:

पालक, सरसों के पत्ते, मेथी, टमाटर, गाजर, बैंगन, लौकी आदि में पाए जाने वाले पोषक तत्व और फाइबर आपके मेटाबोलिज़म को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

तीखे मसालेदार खाने:

हरी मिर्च, मसाले, लहसुन, अदरक और प्याज में मौजूद ये तत्व आपके मेटाबोलिज़म को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

ताजगी से भरपूर फल:

नींबू, आम, सेब, अंगूर, संतरा, अनार, किवी, अदरक आदि में पाए जाने वाले विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर आपके मेटाबोलिज़म को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

दलियाँ:

जौ, बार्ली, ओट्समील, राजमा, चना, मूंग दाल, मसूर दाल आदि में पाए जाने वाले फाइबर, प्रोटीन और कई ज़रूरी पोषक तत्व आपके मेटाबोलिज़म को एक्टिव रखने में मदद कर सकते हैं।

हल्दी:

हल्दी में मौजूद कर्कमिन आपके मेटाबोलिज़म को तेज़ करके वजन घटाने में मदद कर सकता है।

दिनभर में खूब पानी पिए :

पानी पीना आपके मेटाबोलिज़म को बढ़ाने में मदद कर सकता है, इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न भूलें।

मेटाबोलिक डाइट चार्ट-Metabolic Diet Chart-:

मेटाबोलिक डाइट एक प्रकार का डाइट प्लान है जो मेटाबोलिक सिन्ड्रोम के संक्रमण से पीड़ित लोगों को मदद करती है। मेटाबोलिक सिन्ड्रोम एक ग्रुप है जिसमें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर , डायबिटीज, high triglyceride, और low hydroxyl lipid लेवल्स शामिल होते हैं। मेटाबोलिक डाइट के वजह से, लोग अपने वजन को कण्ट्रोल करने, रक्तचाप को कम करने, इंसुलिन संचय को बढ़ाने और सेहत को बेहतर बनाने का कोशिश कर सकते हैं।

सुबह का नाश्ता:

एक कप उबला हुआ मक्खना
एक कटोरी हल्की दूध की चाय या कॉफी (शक्कर के बिना)
एक सेब या अन्य फल

दोपहर का खाना :

एक कटोरी सब्जी (ताजे सब्जियों के साथ)
एक कटोरी दाल या उबली हुई राजमा
दो चपाती (मल्टीग्रेन आटा या ब्राउन आटा से बनी हुई)
एक कटोरी रायता (दही से बनाया हुआ)
एक कटोरी सलाद (हरी पत्तियों के साथ)

शाम का खाना :

एक कप दूध (हल्का दूध)
एक कप मिक्स्ड नट्स और मुंगफली

रात का खाना :

एक कटोरी दलिया या चावल
एक कटोरी सब्जी (ताजे सब्जियों के साथ)
दो चपाती (मल्टीग्रेन आटा या ब्राउन आटा से बनी हुई)
एक कटोरी रायता (दही से बनाया हुआ)
एक कटोरी सलाद (हरी पत्तियों के साथ)

Note-कृपया ध्यान दें कि यह सिर्फ एक आम चार्ट है लेने से पहले आपके चिकित्सक या इस डाइट के विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर करे ।

Conclusion-

इस लेख में हमने How To Increase Metabolism In Hindi के बारे में सीखा मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के लिए, आप हैल्थी डाइट लें, व्यायाम करें, पानी पिएं, प्रोटीन लें, आराम लें, गर्म चीज़ो का सेवन करें और दिन निकलने के समय व्यायाम करें। यह सभी तरीके मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। अपने चिकित्सक से सलाह ले जानकारी प्राप्त करें और उनकी मार्गदर्शन में इन उपायों का पालन करें।। अगर अब भी कुछ ऐसा है जो आपको इस लेख में समझ नहीं आया तो आप कमेंट करके पूछ सकते है मै आपकी पूरी सहायता करूँगा अगर आपको इस लेख में दी गयी जानकारिया पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों क साथ शेयर ज़रूर करे धन्यवाद।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Physical Fitness Ideas इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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FAQ-कुछ सवाल जो अक्सर पूछे जाते है 

Sawal No-1 मेटाबॉलिज्म बढ़ाने से क्या होता है?

metabolism हमारे शरीर के लगातार कार्यों के लिए ज़रूरी होती है, जैसे कि साँस लेना , दिल का धड़कना , पाचन, ऊर्जा का बनना और ऊर्जा का उपयोग करना । यह शरीर की रचना, वजन को बनाये रखना और सेहत को बनाये रखने में बहोत मदद करती है metabolism कई चीज़ों पर निर्भर करती है, जैसे लाइफस्टाइल , खाना , व्यायाम, उम्र और शारीरिक एक्टिविटीज।

Sawal No- 2 मेटाबॉलिज्म कम क्यों होता है?

मेटाबॉलिज्म कम होने का कारण कई हो सकते हैं। इसका विस्तार में यहां हैं:

बढ़ती उम्र: जब हम बड़े होते हैं, तब हमारा मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिससे हम कम कैलोरी बर्न करते हैं।

कम शारीरिक गतिविधि: यदि हम अधिक समय बैठे रहते हैं और काम नहीं करते हैं, तो हमारा मेटाबॉलिज्म कम हो सकता है।

खराब आहार: ख़राब खाना और अधिक कैलोरी वाला भोजन करने से मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब हो सकता है।

थायरॉयड समस्या: थायरॉयड की समस्याएं जैसे कि हाइपोथायराइडिज़म मेटाबॉलिज्म को कम कर सकती हैं।

अतिरिक्त वजन: मोटापा होने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है।

यदि आपको मेटाबॉलिज्म से संबंधित किसी समस्या का सामना है, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

Sawal No- 3 क्या ज्यादा खाने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है?

ज्यादा खाने से मेटाबॉलिज्म बढ़ने का सीधा नाता नहीं होता है। हकीकत में, मेटाबॉलिज्म को व्यक्ति के खाने पिने की चीज़ो , शारीरिक गतिविधि, ऊंचाई, वजन आदि पर प्रभाव पड़ता है।हालांकि, स्वस्थ और संतुलित आहार खाने से आपके मेटाबॉलिज्म को सही तरीके से काम करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व मिलते हैं। यदि आप बहुत खाना खाते हैं और अधिक कैलोरी का इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके वजन बढ़ाने की वजह बन सकता है और उसके साथ ही मेटाबॉलिक दर को डिस्टर्ब कर सकता है।मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, आपको स्वस्थ और पौष्टिक आहार, लिमिटेड खाना, पर्याप्त पानी पीना, और नियमित शारीरिक गतिविधि के साथ संतुलित लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए।

Sawal No- 4 मसल मेटाबॉलिज्म को कितना बढ़ा देती है?

मसल एक्सरसाइज और मसल बिल्डिंग के द्वारा मेटाबॉलिज्म को एक छोटी सी मात्रा में बढ़ाया जा सकता है। मसल प्रशिक्षण से आपके शरीर के मांसपेशियों का विकास होता है और मांसपेशियों की मात्रा बढ़ती है, जिससे आपकी बेसल मेटाबॉलिक दर बढ़ती है।

मसल प्रशिक्षण द्वारा मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का एक अन्य तरीका यह है कि जब आप मसल बिल्डिंग करते हैं, तो आपके शरीर में मसल्स के निर्माण के लिए ऊर्जा की ज़रूरत होती है, जिससे की आपकी कैलोरी खपत बढ़ती है। यह उपयोग बनाने के लिए अतिरिक्त कैलोरी खपत होती है और मेटाबॉलिक दर को बढ़ाती है।

Sawal No- 5 क्या वजन कम होने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है?

वजन कम होने से मेटाबॉलिज्म को धीमा होने का कारण हो सकता है, न कि बढ़ने का। जब आप वजन कम करते हैं, तो आपके शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं।

वजन कम करने के दौरान आपके शरीर का बॉडी मास घटता है, जिससे की बेसल मेटाबॉलिक रेट यानी आपके शरीर की मिनिमम ऊर्जा खपत में गिरावट होती है। इसका मतलब है कि वजन कम होने के साथ आपकी आम खपत कम होती है और आपकी मेटाबॉलिक दर भी कम हो सकती है।

Sawal No- 6 उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म कैसे बदलता है?

जब हम बात करते हैं उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म के बदलाव की, तो यह एक सच बात है कि जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, मेटाबॉलिज्म में धीमापन देखा जा सकता है। :

बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) कम होती है: BMR शरीर की मिनिमम ऊर्जा खपत को दर्शाती है जो आपके शरीर विचारित रूप से बिना किसी गतिविधि के उपभोग करता है। जैसे कि हम उम्र के साथ बढ़ते हैं, हमारे शरीर का बॉडी मास कम होता है और मांसपेशियों का त्याग होता है, जिससे BMR कम होती है।

कम शारीरिक गतिविधि: उम्र के साथ, शारीरिक गतिविधि कम हो सकती है। लोगों के साथ बैठे रहने की आदतें बढ़ सकती हैं और शारीर की ऊर्जा खपत कम हो सकती है।

Sawal No- 7 मेटाबॉलिज्म किस उम्र में सबसे ज्यादा होता है?

मेटाबॉलिज्म का स्तर व्यक्ति की उम्र के साथ बदलता रहता है। जनरली, बच्चों और युवाओं में मेटाबॉलिक दर सबसे ज्यादा होती है और फिर यह धीरे-धीरे कम होती जाती है जब व्यक्ति बढ़ते हैं।

सामान्यतः, युवा Adults में (लगभग 18-30 वर्ष) मेटाबॉलिक दर सबसे अधिक होती है। इस उम्र में शरीर का बॉडी मास अधिक होता है और शारीर की ऊर्जा खपत भी अधिक होती है। इसलिए, युवा Adults को आमतौर पर ज्यादा खाने की जरूरत होती है ताकि वे अपनी ऊर्जा खपत को पूरा कर सकें।

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